You, me and our feelings
May 18, 2024•20 min•Season 3Ep. 47
Episode description
क्या खूब समा था
इश्क़ के महीने में - इश्क़ जवां था मौसम के थे नजारे आंखों के थे इशारे बातों में कशिश थी इतनी लहजे में तपिश थी इतनी जिस्म था - आग थी हर छुअन में एक धुआं था हसीना थी कमसिन दीवाना जवां था इश्क़ के महीने में इश्क़ भी जवां था .....ऐसे ही थे एहसास हमारे.....For the best experience, listen in Metacast app for iOS or Android
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